तू मुझमें कहीं बाकी अब भी हैI
तू मुझमें कहीं बाकी अब भी हैI
"तुझसे एक तरफ़ा मोहब्बत अब भी है,
तेरे क़दमों की आहट मेरे कानों में मेहफ़ूज़ अब भी है,
तेरे चेहरे की वो मुस्कुराहट मेरी यादों में मौजूद अब भी है,
तेरी खुली ज़ुल्फ़ों की खुशबू मेरी साँसों में ज़िंदा अब भी है,
तेरी बंद आँखों को देर तक निहारने का इंतज़ार मुझे अब भी है,
तेरी उन खामोश बातों को सुनने की आस मुझे अब भी है,
तेरी उन आँखों के समंदर में डूब जाने की चाहत मुझे अब भी है,
तेरी उस हल्की सी मुस्कान का जादू मुझपे चल जाने का खुमार मुझे अब भी है,
तेरी उस रूह की खुशबू से रूबरू होने का इंतज़ार मुझे अब भी है,
जो मुझे तुझ तक पहुँचा सके उन लकीरों के इन हाथों में आने का इंतज़ार मुझे अब भी है,
यूँ तो चाहता था की अब तुझे याद न करूं, पर देर रात तुझे पन्नों में उतारने की मेरी पुरानी आदत अब भी है,
0 comments